आज, 25 फरवरी 2025 को, दिल्ली विधानसभा में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्टें पेश की गईं, जो पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न विभागों के कामकाज और वित्तीय प्रबंधन का विश्लेषण करती हैं। इन रिपोर्टों में राज्य के वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण, शराब विनियमन, और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के कामकाज की समीक्षा शामिल है।
CAG रिपोर्ट की प्रमुख बातें
CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि AAP सरकार की विवादास्पद शराब नीति के कारण दिल्ली को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में कई खामियां हैं, जिससे नागरिकों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकामी और DTC की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी रिपोर्ट में जोर दिया गया है।
विधानसभा में हंगामा और AAP विधायकों का निलंबन
रिपोर्ट पेश होने के दौरान विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत 13 AAP विधायकों को उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी करने के कारण पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। इन विधायकों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। मार्शलों ने हस्तक्षेप करते हुए सभी निलंबित विधायकों को सदन से बाहर निकाला।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
CAG रिपोर्ट के खुलासों पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तीव्र रही हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह रिपोर्ट AAP के “काले कारनामों” का पर्दाफाश करती है और चुनावों के दौरान भाजपा ने जनता से वादा किया था कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं, जो भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
विधानसभा सत्र का विस्तार
दिल्ली विधानसभा का यह सत्र पहले 27 फरवरी को समाप्त होने वाला था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 3 मार्च तक कर दिया गया है। इस विस्तार का उद्देश्य CAG रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करना और संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेना है।
निष्कर्ष
CAG की इन रिपोर्टों ने दिल्ली की पूर्ववर्ती AAP सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई नीतियों और उनके प्रभावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेष रूप से शराब नीति से हुए वित्तीय नुकसान और सार्वजनिक सेवाओं में खामियों को उजागर किया गया है। आगामी दिनों में विधानसभा में इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है, जिससे दिल्ली की जनता को सरकार की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।




