दिल्ली विधानसभा में हाल ही में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें विभिन्न विभागों और परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं और प्रक्रियात्मक खामियों का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में सरकारी निधियों के दुरुपयोग, परियोजनाओं में देरी, और अनुबंधों के आवंटन में अनियमितताओं जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।
स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताएँ
CAG की रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के तहत चल रही कुछ परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अस्पतालों के निर्माण और नवीनीकरण में निर्धारित बजट से अधिक खर्च किया गया, जबकि परियोजनाएँ समय पर पूरी नहीं हो सकीं। इसके अलावा, चिकित्सा उपकरणों की खरीद में भी प्रक्रियात्मक खामियाँ पाई गईं, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
शिक्षा क्षेत्र में खामियाँ
शिक्षा विभाग से संबंधित रिपोर्ट में स्कूल भवनों के निर्माण और मरम्मत कार्यों में देरी और बजट की अधिकता का उल्लेख है। कई स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं की कमी पाई गई, जबकि संबंधित परियोजनाओं के लिए आवंटित धन का सही उपयोग नहीं हो सका। इसके अलावा, कुछ मामलों में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए निविदा प्रक्रियाओं में अनियमितताएँ दर्ज की गईं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खामियाँ
रिपोर्ट में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भी खामियाँ उजागर हुई हैं। कई राशन दुकानों में अनियमितताएँ पाई गईं, जैसे कि लाभार्थियों को कम मात्रा में राशन प्रदान करना, नकली लाभार्थियों के नाम पर राशन का वितरण, और वितरण में पारदर्शिता की कमी। इन खामियों के कारण वास्तविक लाभार्थियों को उनके अधिकारों से वंचित होना पड़ा।
पर्यावरण और वन विभाग में अनियमितताएँ
CAG की रिपोर्ट में पर्यावरण और वन विभाग के तहत चल रही कुछ परियोजनाओं में भी अनियमितताएँ पाई गईं। वृक्षारोपण और हरित क्षेत्र विकास योजनाओं में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति में विफलता, धन के दुरुपयोग, और परियोजनाओं की निगरानी में कमी जैसी समस्याएँ सामने आईं। इसके अलावा, कुछ मामलों में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए निविदा प्रक्रियाओं में अनियमितताएँ दर्ज की गईं।
सरकार की प्रतिक्रिया
CAG की रिपोर्ट पेश होने के बाद, दिल्ली सरकार ने इन अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों से स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री ने एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है, जो रिपोर्ट में उल्लिखित खामियों की जांच करेगी और सुधारात्मक कदम उठाएगी। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने CAG की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण जनता के धन का दुरुपयोग हो रहा है। विपक्ष ने इन अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
निष्कर्ष
CAG की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में व्याप्त अनियमितताओं और प्रक्रियात्मक खामियों को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि सरकार इन खामियों को दूर करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए, ताकि जनता के धन का सही उपयोग हो सके और सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच सके। साथ ही, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करना आवश्यक है।




