Saturday, December 13, 2025
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दिल्ली में मौसम का बदलाव

प्रस्तावना

दिल्ली, भारत की राजधानी, अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा मौसम में होने वाले बदलावों के लिए भी जानी जाती है। यहाँ का मौसम समय-समय पर बड़े बदलावों से गुजरता है, जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि लोगों के जीवन पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है।

दिल्ली का पारंपरिक मौसम चक्र

दिल्ली में मुख्य रूप से चार प्रकार के मौसम होते हैं:

  1. गर्मी (मार्च – जून): इस दौरान तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है।
  2. बरसात (जुलाई – सितंबर): मानसून के आगमन के साथ वर्षा होती है, जिससे वातावरण ठंडा हो जाता है।
  3. सर्दी (नवंबर – फरवरी): ठंड का प्रकोप बढ़ जाता है और न्यूनतम तापमान 2-5 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
  4. बसंत और शरद ऋतु: ये छोटे लेकिन सुहावने मौसम होते हैं, जो मार्च और अक्टूबर के आसपास होते हैं।

हाल के वर्षों में मौसम में बदलाव

पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के मौसम में असामान्य परिवर्तन देखने को मिले हैं। जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण और अनियंत्रित शहरीकरण के कारण मौसम चक्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।

1. गर्मियों की अवधि और तीव्रता में वृद्धि

  • गर्मियों की अवधि लंबी हो गई है और तापमान में वृद्धि देखी गई है।
  • लू चलने की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।

2. मानसून में अनिश्चितता

  • पहले की तुलना में अब मानसून देर से आता है और अनियमित बारिश होती है।
  • अत्यधिक वर्षा से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, वहीं कभी-कभी बारिश न होने से सूखे की स्थिति भी बनती है।

3. सर्दियों में कोहरे और प्रदूषण का बढ़ना

  • कोहरे और धुंध की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है।
  • वायु प्रदूषण का स्तर PM2.5 और PM10 के बढ़ते स्तर के कारण खतरनाक हो गया है।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

  • अत्यधिक तापमान वृद्धि के कारण पानी की कमी बढ़ रही है।
  • वायु प्रदूषण की समस्या ने दिल्ली की जलवायु को और अधिक प्रभावित किया है।
  • मौसम की अनिश्चितता ने कृषि और अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डाला है।

समाधान और उपाय

  1. हरित क्षेत्र बढ़ाना – अधिक पेड़ लगाने से मौसम संतुलित करने में मदद मिल सकती है।
  2. वातावरण के अनुकूल परिवहन – इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
  3. ऊर्जा संरक्षण – नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाना चाहिए।
  4. वायु प्रदूषण नियंत्रण – उद्योगों और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण आवश्यक है।

निष्कर्ष

दिल्ली में मौसम के बदलाव के पीछे जलवायु परिवर्तन, बढ़ता प्रदूषण और अनियंत्रित शहरीकरण मुख्य कारण हैं। यदि सही समय पर आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली का मौसम और अधिक प्रतिकूल हो सकता है। इसलिए, सरकार, समाज और आम नागरिकों को मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।

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