प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर 2024 को जयपुर, राजस्थान में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राज्य को 46,400 करोड़ रुपये से अधिक की 24 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनका उद्देश्य राज्य के समग्र विकास को गति देना है।
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
यह कार्यक्रम राजस्थान सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष’ के रूप में आयोजित किया गया था। इसमें ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल संसाधन से संबंधित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए विकसित राजस्थान भी जरूरी है।” इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार राजस्थान के विकास को उच्च प्राथमिकता देती है।
उद्घाटन की गई प्रमुख परियोजनाएँ
- नवनेरा बैराज: कालीसिंध नदी पर स्थित इस बैराज का निर्माण 1,069 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह परियोजना क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क और असेट मैनेजमेंट सिस्टम: 764 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस प्रणाली का उद्देश्य राज्य में विद्युत आपूर्ति की दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
- रेलवे विद्युतीकरण परियोजना: भीलड़ी-समदड़ी-लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ खंड के विद्युतीकरण पर 602 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिससे क्षेत्र में रेल परिवहन अधिक पर्यावरण मित्र और कुशल होगा।
- दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे: इस परियोजना के तहत मेज नदी पर प्रमुख पुल का निर्माण शामिल है, जो एनएच-148एन के एसएच-37ए जंक्शन तक फैला है। इसका उद्देश्य दिल्ली और वडोदरा के बीच यातायात को सुगम बनाना है।
शिलान्यास की गई प्रमुख परियोजनाएँ
- रामगढ़ और महलपुर बैराज: कुल 9,416 करोड़ रुपये की लागत से कूल नदी पर रामगढ़ बैराज और पार्वती नदी पर महलपुर बैराज का निर्माण होगा। इनसे बीसलपुर और ईसरदा बांधों में जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे 21 जिलों में पेयजल और सिंचाई की समस्याओं का समाधान होगा।
- सरकारी भवनों पर रूफटॉप सोलर संयंत्र: 2,522 करोड़ रुपये की लागत से सरकारी कार्यालयों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- पूगल सोलर पार्क: बीकानेर जिले के पूगल में 2,000 मेगावाट क्षमता का सौर पार्क विकसित किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 1,200 करोड़ रुपये है। यह परियोजना राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
- पेयजल आपूर्ति परियोजना: 676 करोड़ रुपये की लागत से धौलपुर से भरतपुर, डीग, कुम्हेर, नगर, कामां और पहाड़ी तक पेयजल ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी, जिससे इन क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
परियोजनाओं का समग्र प्रभाव
इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य राजस्थान के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, जल संसाधनों का समुचित प्रबंधन करना, ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और परिवहन सुविधाओं को उन्नत करना है। विशेष रूप से, पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) के माध्यम से 11 नदियों को जोड़कर 21 जिलों में जल संकट का समाधान किया जाएगा। इससे लगभग 2.80 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई संभव होगी, जिससे 25 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त, राज्य की 40% आबादी को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
राजनीतिक संदर्भ
इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उपस्थित थे। दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चल रहे जल विवाद को सुलझाने के लिए PKC-ERCP परियोजना महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के एक वर्ष के कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य के विकास को नई दिशा मिलेगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस अवसर पर दोनों राज्यों के बीच सहयोग की सराहना की।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान को प्रदान की गई 46,400 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएँ राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इनसे न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि जल, ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्रों में भी सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। यह पहल राजस्थान को एक विकसित और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।




