आरती कश्यप
परिचय
भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल, इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, और स्मार्टफोन उपयोग में वृद्धि के कारण लोग पारंपरिक नकद लेनदेन की बजाय डिजिटल भुगतान को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, यूपीआई (UPI), वॉलेट्स, मोबाइल बैंकिंग, और अन्य ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का इस्तेमाल व्यापक रूप से बढ़ा है।
डिजिटल पेमेंट का अर्थ और प्रकार
डिजिटल पेमेंट का अर्थ है किसी भी वित्तीय लेनदेन को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूरा करना। भारत में प्रचलित डिजिटल पेमेंट के प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं:
- यूपीआई (UPI – Unified Payments Interface)
- यह सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्रणाली है। गूगल पे, फोनपे, पेटीएम जैसे ऐप्स यूपीआई का उपयोग करते हैं।
- यह तत्काल बैंक-से-बैंक ट्रांसफर की सुविधा देता है।
- मोबाइल वॉलेट्स (Mobile Wallets)
- पेटीएम, गूगल पे, अमेज़न पे, मोबिक्विक जैसे डिजिटल वॉलेट्स लोकप्रिय हैं।
- इनमें पैसे जोड़कर QR कोड स्कैन करके या मोबाइल नंबर द्वारा भुगतान किया जा सकता है।
- इंटरनेट बैंकिंग (Net Banking)
- ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से ग्राहक फंड ट्रांसफर, बिल पेमेंट, और अन्य वित्तीय सेवाएँ ले सकते हैं।
- डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट
- वीज़ा, मास्टरकार्ड, रूपे कार्ड्स का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग और अन्य डिजिटल भुगतान के लिए किया जाता है।
- आधार पेमेंट सिस्टम (AEPS – Aadhaar Enabled Payment System)
- यह प्रणाली आधार संख्या और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से भुगतान की सुविधा देती है।
- भारत क्यूआर कोड (Bharat QR Code)
- व्यापारी और ग्राहक के बीच तेज और सुरक्षित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- एनएफसी (NFC – Near Field Communication) आधारित पेमेंट
- स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच के माध्यम से संपर्क रहित (Contactless) भुगतान करने की सुविधा।
डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन के पीछे कारण
- सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ
- 2016 में हुई नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिला।
- ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘कैशलेस इकोनॉमी’ जैसी पहलें डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रही हैं।
- यूपीआई और आधार लिंक्ड पेमेंट सेवाओं की शुरुआत।
- मोबाइल और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच
- सस्ते स्मार्टफोन और डेटा पैक के कारण गाँवों तक डिजिटल पेमेंट की पहुँच बढ़ी है।
- रिलायंस जियो के आने से इंटरनेट का उपयोग सस्ता और सुलभ हो गया है।
- यूपीआई की सफलता
- यूपीआई ने भुगतान प्रणाली को बेहद आसान बना दिया है।
- 2023 में भारत में यूपीआई लेनदेन 10 बिलियन से अधिक हो गए।
- कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटल भुगतान में वृद्धि
- लॉकडाउन के दौरान लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग, बिल भुगतान और बैंकिंग सेवाओं के लिए डिजिटल माध्यम अपनाया।
- सुरक्षा और सुविधा
- ओटीपी, फिंगरप्रिंट और फेस रिकग्निशन जैसी सुरक्षा सुविधाएँ डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाती हैं।
- बिना कैश रखे पेमेंट करने की सुविधा इसे लोकप्रिय बना रही है।
डिजिटल पेमेंट के लाभ
- तेजी और सुविधा
- डिजिटल भुगतान तेज, सरल और 24×7 उपलब्ध रहता है।
- सुरक्षा और पारदर्शिता
- हर लेन-देन का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
- कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता कदम
- डिजिटल पेमेंट से काले धन और नकली नोटों की समस्या कम हो रही है।
- व्यापार और ई-कॉमर्स को बढ़ावा
- डिजिटल भुगतान से ऑनलाइन कारोबार और छोटे व्यापारियों को फायदा हुआ है।
डिजिटल पेमेंट से जुड़ी चुनौतियाँ
- साइबर सुरक्षा खतरे
- ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग और डेटा चोरी जैसी समस्याएँ डिजिटल भुगतान के साथ बढ़ी हैं।
- ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी
- अब भी कई गाँवों में लोग डिजिटल भुगतान के तरीकों से परिचित नहीं हैं।
- तकनीकी समस्याएँ
- सर्वर डाउन, नेटवर्क फेलियर जैसी समस्याएँ कभी-कभी डिजिटल भुगतान में रुकावट डालती हैं।
- बुजुर्ग और कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए चुनौती
- डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने में तकनीकी रूप से कम जानकार लोगों को कठिनाई होती है।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
- सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के उपाय
- BHIM ऐप, यूपीआई, रूपे कार्ड जैसी सेवाएँ शुरू की गईं।
- डिजिटल लेन-देन पर कैशबैक और रिवार्ड योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
- बैंक और वित्तीय संस्थानों की पहल
- बैंकों द्वारा ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट के लिए जागरूक किया जा रहा है।
- मोबाइल बैंकिंग और ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं को आसान और सुरक्षित बनाया जा रहा है।
- प्राइवेट कंपनियों की भूमिका
- पेटीएम, गूगल पे, फोनपे जैसी कंपनियाँ लगातार नए फीचर्स और सुरक्षा उपाय ला रही हैं।
भविष्य में डिजिटल पेमेंट का संभावित विकास
- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग
- भविष्य में डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ेगा।
- बायोमेट्रिक और AI-आधारित भुगतान प्रणाली
- फिंगरप्रिंट और फेस स्कैन से भुगतान को आसान और सुरक्षित बनाया जाएगा।
- क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी
- सरकारें डिजिटल मुद्रा (CBDC) पर काम कर रही हैं, जिससे भविष्य में डिजिटल भुगतान और अधिक उन्नत होगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट का विस्तार
- सरकार और निजी कंपनियाँ ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिए अधिक जागरूकता और सुविधाएँ बढ़ा रही हैं।
निष्कर्ष
भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है और यह देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस और पारदर्शी बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। सरकार, बैंक, और टेक्नोलॉजी कंपनियाँ लगातार डिजिटल भुगतान को सुरक्षित, सरल और सुलभ बनाने में प्रयासरत हैं। हालाँकि, साइबर सुरक्षा और जागरूकता जैसी कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन समय के साथ ये भी हल हो जाएँगी।
डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग से भारत न केवल आर्थिक रूप से अधिक मजबूत बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा।




