आम के मौर पर कीटों का खतरा: बागवानों के लिए बढ़ती चिंताभारत में आम (Mangifera indica) को “फलों का राजा” कहा जाता है, और यह हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण फसल में से एक है। लेकिन जब आम के पेड़ों पर मौर (फूल) आता है, तो कीटों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हर साल, कई किसान कीट संक्रमण के कारण भारी नुकसान उठाते हैं, जिससे उत्पादन घट जाता है और आम की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।इस लेख में, हम आम के मौर (फूलों) पर मंडराने वाले मुख्य कीटों, उनके कारण होने वाले नुकसान, नियंत्रण के तरीके और समाधान पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. आम के मौर पर कौन-कौन से कीट हमला करते हैं?
जब आम के पेड़ों पर फूल आने लगते हैं, तो यह समय कीटों के प्रजनन और हमले के लिए सबसे संवेदनशील होता है। नीचे कुछ प्रमुख कीटों का विवरण दिया गया है:
(क) आम कीट (Mango Hopper)
- विज्ञानिक नाम: Idioscopus clypealis और Amritodus atkinsoni
- लक्षण:
- यह कीट मौर (फूलों) से रस चूसता है, जिससे फूल मुरझाने लगते हैं।
- कीट मीठा रस (हनीड्यू) छोड़ता है, जिस पर काले फंगस उग जाते हैं, जिससे फूलों का विकास रुक जाता है।
(ख) फल मक्खी (Mango Fruit Fly)
- विज्ञानिक नाम: Bactrocera dorsalis
- लक्षण:
- यह कीट आम के फल में अंडे देती है, जिससे कीड़े फल के अंदर पैदा होते हैं और उसे खराब कर देते हैं।
- संक्रमित आम समय से पहले गिरने लगते हैं।
(ग) आम की पत्ती लपेटक (Mango Leaf Webber)
- विज्ञानिक नाम: Orthaga euadrusalis
- लक्षण:
- यह कीट आम की नई पत्तियों और फूलों को जाल में लपेटकर खा जाता है।
- इससे फूलों और नई पत्तियों का विकास रुक जाता है।
(घ) तना छेदक (Stem Borer)
- विज्ञानिक नाम: Batocera rufomaculata
- लक्षण:
- यह कीट आम के तनों में छेद कर देता है, जिससे पेड़ कमजोर हो जाता है और मौर झड़ने लगते हैं।
2. आम के मौर पर कीटों के हमले के कारण होने वाला नुकसान
- फूलों का गिरना – आम के मौर पर कीट हमला करते हैं, जिससे फूलों का झड़ना बढ़ जाता है और फल नहीं बन पाते।
- फसल की गुणवत्ता खराब होना – कीट संक्रमित फलों की गुणवत्ता गिर जाती है, जिससे बाजार में उनकी मांग कम हो जाती है।
- कृषि उत्पादन में भारी गिरावट – गंभीर संक्रमण से आम के उत्पादन में 30-50% तक की कमी हो सकती है।
- रासायनिक दवाओं पर अधिक खर्च – कीट नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का अधिक उपयोग करना पड़ता है, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है।
3. आम के मौर को कीटों से बचाने के उपाय
(क) जैविक नियंत्रण (Biological Control)
- आम के कीटों को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक दुश्मन जैसे लेडी बर्ड बीटल और स्पाइडर का उपयोग करें।
- नीम तेल (Neem Oil, 5%) का छिड़काव करें, यह हानिकारक कीटों को मारने में मदद करता है।
- फेरोमोन ट्रैप (Pheromone Trap) का उपयोग करें, जिससे नर कीट आकर्षित होकर फँस जाते हैं और प्रजनन रुक जाता है।
(ख) रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control)
- कीटों को मारने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल (Imidacloprid 17.8% SL) 0.3 ml/L का छिड़काव करें।
- आम की फल मक्खी को रोकने के लिए मैलेटियान 50 ईसी (Malathion 50 EC) का उपयोग करें।
- कीटनाशकों का छिड़काव फूल आने से पहले और छोटे फलों के बनने के बाद करें, ताकि फसल पर कम प्रभाव पड़े।
(ग) सांस्कृतिक नियंत्रण (Cultural Control)
- आम के पेड़ों के नीचे गिरी हुई पत्तियों और सड़े हुए फलों को हटा दें, ताकि कीटों का प्रजनन रुक सके।
- गर्मी में गहरी जुताई करें, जिससे मिट्टी में छिपे कीटों के अंडे नष्ट हो सकें।
- फूलों के मौसम में अधिक नाइट्रोजन खाद देने से बचें, क्योंकि इससे कीटों की संख्या बढ़ सकती है।
4. वैज्ञानिक तरीके और नई खोजें
वर्तमान में, वैज्ञानिक बायोपेस्टिसाइड्स और गैर-रासायनिक कीट नियंत्रण की दिशा में नए शोध कर रहे हैं।
- RNA इंटरफेरेंस टेक्नोलॉजी – यह तकनीक कीटों के जीन को बदलकर उन्हें नुकसान पहुँचाने से रोकती है।
- ड्रोन स्प्रे टेक्नोलॉजी – ड्रोन से खेतों में जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
- माइक्रोबियल कंट्रोल – बैक्टीरिया और फंगस का उपयोग कर कीटों को मारा जाता है।
5. किसानों के लिए सुझाव और सावधानियाँ
✔ फूलों के मौसम में समय-समय पर खेत की निगरानी करें।
✔ कीटनाशकों का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें।
✔ प्राकृतिक और जैविक कीटनाशकों को प्राथमिकता दें, ताकि पर्यावरण को कम नुकसान हो।
✔ पेड़ों के आसपास सफाई बनाए रखें और जलभराव से बचें।
✔ कीटों से लड़ने के लिए फेरोमोन ट्रैप और जैविक विधियों को अपनाएँ।
6. निष्कर्ष
आम के बागानों में कीटों का हमला एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही उपायों को अपनाकर इसे रोका जा सकता है। जैविक और रासायनिक नियंत्रण के संतुलित उपयोग से हम आम के मौर को बचा सकते हैं और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
“सही प्रबंधन और सतर्कता से आम की फसल को कीटों के हमले से बचाया जा सकता है और किसानों को अधिक लाभ मिल सकता है।”
अगर हम आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक तरीकों को साथ मिलाकर अपनाएँ, तो हम कीटों के खतरे को कम कर सकते हैं और आम की फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।




