आरती कश्यप
परिचय
फिलीपींस की राजनीति एक नया मोड़ ले चुकी है, जब सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे की संभावित गिरफ्तारी के लिए 7,000 सैनिकों की तैनाती की घोषणा की। यह कदम देश में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए उठाया गया है, क्योंकि डुटर्टे के समर्थकों और सरकारी बलों के बीच संभावित टकराव की आशंका जताई जा रही है। यह घटनाक्रम न केवल फिलीपींस बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
डुटर्टे की गिरफ्तारी का कारण
रोड्रिगो डुटर्टे, जो 2016 से 2022 तक फिलीपींस के राष्ट्रपति रहे, अपने विवादित नीतियों और कठोर कानून व्यवस्था के लिए जाने जाते हैं।
मुख्य आरोप:
- मानवाधिकार उल्लंघन – राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान किए गए ‘ड्रग वॉर’ अभियानों में हजारों लोगों की मौत हुई, जिसके लिए डुटर्टे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलनी पड़ी।
- भ्रष्टाचार के आरोप – उनके प्रशासन पर कई भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने के आरोप लगे हैं।
- अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) की जांच – द हेग स्थित ICC ने डुटर्टे के खिलाफ मानवाधिकार हनन के मामलों में जांच शुरू की, जिससे उनकी गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई।
- लोकतंत्र विरोधी गतिविधियाँ – उनके कार्यकाल के बाद भी, उन पर देश की राजनीतिक स्थिरता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है।
7,000 सैनिकों की तैनाती: सरकार का पक्ष
फिलीपींस सरकार ने यह स्पष्ट किया कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई है।
सरकार का बयान:
- आंतरिक मंत्री का वक्तव्य: “हम किसी भी प्रकार की हिंसा या अराजकता को रोकने के लिए तैयार हैं। यह कदम देश की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।”
- रक्षा मंत्रालय का बयान: “हम सुनिश्चित करेंगे कि कानून का सम्मान हो और डुटर्टे समर्थकों द्वारा किसी भी हिंसक विरोध को नियंत्रित किया जाए।”
- पुलिस बल की रणनीति: मनीला और डावाओ शहरों में सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है।
डुटर्टे के समर्थकों की प्रतिक्रिया
डुटर्टे के लाखों समर्थक इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रहे हैं।
प्रमुख प्रतिक्रियाएँ:
- विरोध प्रदर्शन: मनीला और अन्य प्रमुख शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
- सशस्त्र संघर्ष की आशंका: कुछ कट्टर समर्थक समूहों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह करने की चेतावनी दी है।
- सोशल मीडिया पर समर्थन: #StandWithDuterte और #NoToPoliticalPersecution जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
डुटर्टे की संभावित गिरफ्तारी पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजर बनाए हुए है।
- संयुक्त राष्ट्र (UN): मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम का समर्थन किया है।
- अमेरिका और यूरोपीय संघ: फिलीपींस सरकार से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने का आग्रह किया है।
- चीन और रूस: इन देशों ने डुटर्टे के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखने की इच्छा जताई है।
भविष्य की संभावनाएँ
संभावित परिदृश्य:
- शांतिपूर्ण गिरफ्तारी: यदि डुटर्टे सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं, तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा।
- हिंसक संघर्ष: यदि उनके समर्थक हिंसक विरोध प्रदर्शन करते हैं, तो सरकार को कड़ा एक्शन लेना पड़ सकता है।
- राजनीतिक सौदेबाजी: कुछ विश्लेषकों का मानना है कि डुटर्टे और सरकार के बीच कोई राजनीतिक समझौता हो सकता है।
- निष्कर्ष
- फिलीपींस में डुटर्टे की संभावित गिरफ्तारी और 7,000 सैनिकों की तैनाती से देश की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। यह एक ऐतिहासिक घटना होगी, जो लोकतंत्र, मानवाधिकारों और सत्ता के संतुलन की परीक्षा लेगी। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार, न्यायपालिका और आम जनता इस स्थिति को कैसे संभालते हैं।




