16 दिसंबर 2024 को, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, उन्होंने नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनके साथ संवाद स्थापित किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि
अमित शाह ने शहीद स्मारक पर 1,399 शहीदों के नामों को नमन किया, जो नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह स्मारक न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मानित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा भी प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के समूल नाश का संकल्प लिया है और इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात
गृह मंत्री ने नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उनके पुनर्वास और कल्याण के लिए कार्य करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद के कारण किसी को अपने परिजनों को खोना न पड़े, इसके लिए सरकार दृढ़ता से काम कर रही है।
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति
अमित शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार तीन मोर्चों पर नक्सलवाद के खिलाफ काम कर रही है:
- आत्मसमर्पण को प्रोत्साहन: जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई: जो हिंसा का मार्ग नहीं छोड़ते, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
- सशस्त्र नक्सलियों के खिलाफ अभियान: जो नक्सली सशस्त्र संघर्ष में लिप्त हैं, उनके खिलाफ सशस्त्र बलों द्वारा अभियान चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक वर्ष में 287 नक्सलियों को मार गिराया गया, लगभग 1,000 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, और 837 ने आत्मसमर्पण किया है।
विकास योजनाएँ और भविष्य की दिशा
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए चरणबद्ध योजनाएँ बनाई हैं। इनमें 15,000 आवासों की स्वीकृति और सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का 100% सैचुरेशन शामिल है, जिसमें नक्सलवाद से पीड़ित परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 के बाद, माँ दंतेश्वरी की भूमि पर नक्सलवाद के नाम पर एक भी बूँद खून नहीं बहेगी, और बस्तर एक बार फिर सुंदर, शांतिपूर्ण और विकसित क्षेत्र बनेगा।
निष्कर्ष
अमित शाह की यह यात्रा न केवल शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर थी, बल्कि नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों के साथ संवाद स्थापित करने और उनके पुनर्वास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाने का भी महत्वपूर्ण कदम था। सरकार की ठोस रणनीति और विकास योजनाओं के माध्यम से, नक्सलवाद के समूल नाश की दिशा में सकारात्मक प्रगति हो रही है।




