आरती कश्यप
प्रस्तावना
भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और रणनीतिक संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। इन दोनों देशों के बीच पारंपरिक रिश्ते समय के साथ मजबूत हुए हैं, और इन संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मॉरीशस का दौरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा 2015 में उनके पहले दौरे के बाद से विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही है, जब उन्होंने मॉरीशस के साथ द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देने का प्रयास किया था।
मॉरीशस की यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के लिए एक रणनीतिक कदम भी है, जिससे वह हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। इस लेख में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, यात्रा के उद्देश्य, प्राप्त成果, और भविष्य में भारत-मॉरीशस संबंधों का दृष्टिकोण शामिल होगा।
भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक संबंध
भारत और मॉरीशस के रिश्ते ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और कूटनीतिक दृष्टिकोण से बेहद गहरे हैं। भारत और मॉरीशस के बीच संबंध मुख्य रूप से भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़े हुए हैं। मॉरीशस में भारतीय प्रवासियों की संख्या काफी अधिक है, जो कड़ी मेहनत से अपने देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना को मजबूत बनाने में मदद कर रहे हैं। इस कारण, भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक और परिवारिक संबंध हैं।
- सांस्कृतिक संबंध: भारतीय प्रवासियों के कारण, मॉरीशस में भारतीय संस्कृति का प्रभाव बहुत गहरा है। हिंदी, तमिल, उर्दू जैसी भाषाओं का प्रचलन मॉरीशस में है, और भारतीय त्योहारों जैसे दिवाली, होली और मकर संक्रांति को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा, भारतीय फिल्म उद्योग और संगीत भी मॉरीशस में काफी लोकप्रिय हैं।
- आर्थिक और व्यापारिक संबंध: भारत और मॉरीशस के बीच व्यापारिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। मॉरीशस भारतीय वस्त्र, आरा मिल्स, रत्न और कृषि उत्पादों का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साथी है। भारत मॉरीशस में प्रमुख निवेशक है, और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत किया जा रहा है।
- राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध: भारत और मॉरीशस दोनों ही लोकतांत्रिक देशों के रूप में एक-दूसरे के साथ सामरिक और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने में जुटे हैं। भारतीय विदेश नीति के तहत, मॉरीशस एक महत्वपूर्ण साझीदार बन चुका है, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग के मामलों में।
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण उद्देश्य थे, जो दोनों देशों के लिए सामरिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थे। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया:
- मॉरीशस में भारतीय समुदाय का उत्साहवर्धन: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का एक मुख्य उद्देश्य मॉरीशस में भारतीय प्रवासी समुदाय को प्रेरित करना और उनके साथ भारतीय सरकार के समर्थन को मजबूत करना था। यह प्रवासी भारतीय समुदाय भारतीय राजनीति और समाज का अभिन्न हिस्सा है, और उनकी भलाई के लिए भारत हमेशा तत्पर रहता है।
- आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का एक अन्य उद्देश्य भारत और मॉरीशस के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती देना था। भारत ने मॉरीशस में कई विकास परियोजनाओं में निवेश किया है, और यह यात्रा इन निवेशों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने का एक प्रयास थी।
- संरचनात्मक परियोजनाओं का समर्थन: प्रधानमंत्री मोदी ने कई बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की घोषणा की, जो भारत और मॉरीशस के बीच सहयोग को और अधिक मजबूत करेंगी। विशेष रूप से, समुद्री सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के प्रयास किए गए।
- क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग: भारत और मॉरीशस के बीच रणनीतिक संबंधों को और बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान सुरक्षा और रक्षा सहयोग के लिए कई पहल की। विशेष रूप से, हिंद महासागर क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया, ताकि क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा: प्रमुख घटनाएँ और गतिविधियाँ
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ और घटनाएँ घटित हुईं, जिन्होंने भारत और मॉरीशस के रिश्तों को एक नई दिशा दी।
- गांधी स्मारक का उद्घाटन: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस में महात्मा गांधी के स्मारक का उद्घाटन किया। यह स्मारक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और महात्मा गांधी के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। यह पहल भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करती है।
- बुनियादी ढांचे में सहयोग: प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ मिलकर कई बुनियादी ढांचे के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सड़क निर्माण, जल आपूर्ति परियोजनाएँ, और अन्य बुनियादी सेवाओं का सुधार शामिल था। इसके अतिरिक्त, भारत ने मॉरीशस में कई अन्य विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता का भी वादा किया।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के मामलों में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया और दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच संयुक्त अभ्यास और सहयोग की संभावना पर विचार किया।
- क्षेत्रीय कूटनीतिक संबंध: प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान क्षेत्रीय कूटनीति को भी एक प्रमुख विषय बनाया। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और मॉरीशस के सामरिक संबंधों को बढ़ाने और साझा सुरक्षा रणनीतियों को मजबूत करने के बारे में चर्चा की। यह पहल दोनों देशों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में उनकी रणनीतिक स्थिति को और मजबूत बनाने में सहायक रही।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग: प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात की। भारत ने मॉरीशस को विज्ञान, तकनीकी शिक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सहायता देने का वादा किया। विशेष रूप से, भारत ने मॉरीशस को अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता देने का प्रस्ताव रखा।
यात्रा के परिणाम और लाभ
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा ने कई महत्वपूर्ण परिणाम दिए, जो भारत और मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंधों के दृष्टिकोण से अत्यधिक लाभकारी रहे हैं।
- आर्थिक सहयोग में वृद्धि: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद, भारत और मॉरीशस के बीच आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। भारत ने मॉरीशस में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, जो दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करेंगी।
- सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों की मजबूती: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे के दौरान भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ किया, जिससे मॉरीशस में भारतीय संस्कृति और परंपराओं का और प्रचार-प्रसार हुआ है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने में सहायक रही है।
- सुरक्षा और समुद्री सहयोग: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और बढ़ाया है। दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है, जिससे क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत की क्षेत्रीय उपस्थिति को मजबूती: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में उपस्थिति को और मजबूत किया है। मॉरीशस जैसे रणनीतिक साझीदार के साथ सहयोग बढ़ाने से भारत को इस क्षेत्र में सुरक्षा और व्यापारिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण बढ़त मिली है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर थी। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक, और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा दिया और क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग के मामलों में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए।
भारत और मॉरीशस के संबंधों की यह यात्रा दोनों देशों के लिए अत्यंत लाभकारी रही, और यह भविष्य में भी भारत-मॉरीशस साझेदारी को एक नई दिशा देने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक रणनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।




