आरती कश्यप
भारत की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेनों में से एक शताब्दी एक्सप्रेस में हाल ही में एक अप्रिय घटना घटी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली से चंडीगढ़ जा रही शताब्दी एक्सप्रेस में कुछ असामाजिक तत्वों ने जमकर हंगामा किया। यात्रियों ने शिकायत की कि ये हुड़दंगबाज शराब के नशे में थे और उन्होंने ट्रेन में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों को परेशान किया। शोर-शराबे के अलावा, उन्होंने सीटों पर अवैध रूप से कब्जा जमाने की भी कोशिश की और रेलवे स्टाफ के अनुरोध के बावजूद बदसलूकी जारी रखी।
यात्रियों की शिकायतें
कई यात्रियों ने रेलवे हेल्पलाइन पर कॉल कर स्थिति की जानकारी दी, लेकिन समय पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यात्रियों का कहना है कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और ट्रेन टीटीई को इस घटना की सूचना दी गई, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया धीमी थी। कुछ यात्रियों ने इस घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किए, जिससे रेलवे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
रेलवे अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और कहा है कि संबंधित यात्रियों की पहचान की जा रही है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, “हम किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगे। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है:
- क्या रेलवे में सुरक्षा मानकों की कमी है?
- हुड़दंगबाजों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
- यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्या अतिरिक्त उपाय किए जा सकते हैं?
यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा के लिए कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए:
- ट्रेनों में सीसीटीवी निगरानी को और मजबूत किया जाए।
- हर ट्रेन में प्रभावी सुरक्षा बलों की तैनाती हो।
- हुड़दंगबाजों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई हो।
- यात्रियों के लिए आपातकालीन शिकायत तंत्र को और मजबूत किया जाए।
निष्कर्ष
शताब्दी एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेन में हुड़दंग की यह घटना दर्शाती है कि रेलवे को सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वे बिना किसी भय के आरामदायक यात्रा कर सकें। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
क्या भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा? यह देखने वाली बात होगी।




